अंतरिक्ष से पृथ्वी पर उतरने के दो महीने बाद, नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स बीबीसी संवाददाता के साथ उस भयावह घटना को याद किया। जिसका सामना उन्होंने जब अंतरिक्ष यात्रा के दौरान उनके बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में खराबी पाई गई थी। आखिरकार लगभग 9 महीने की मसक्कत के बाद 18 मार्च को दोनों पृथ्वी पर वापस आयें।

मिशन की शुरुआत: Sunita Williams & Butch
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने जून 2024 में बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल के साथ एक आठ-दिन की परीक्षण उड़ान के लिए अंतरिक्ष की यात्रा शुरू की थी। हालांकि, स्टारलाइनर में तकनीकी समस्याएं, जैसे थ्रस्टर में खराबी और हीलियम लीक, सामने आईं, जिससे उनका वापसी मिशन स्थगित हो गया। नतीजतन, उन्हें ISS पर 286 दिनों तक रहना पड़ा, जो उनकी योजना से कहीं अधिक था।

सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली मानवयुक्त परीक्षण उड़ान (Crew Flight Test – CFT) के लिए गए थे। यह मिशन NASA और Boeing के बीच Commercial Crew Program का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल के अलावा एक और भरोसेमंद मानवयुक्त अंतरिक्ष यान विकसित करना था।
वापस आ पायेंगे या नहीं आखिर ऐसा क्यों लगा?
जब अंतरिक्ष यात्री सुनी विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले वर्ष अपने बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल के थ्रस्टर्स के विफल होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के पास पहुंचे, तो वे डॉक के लिए आगे उड़ान भरने में असमर्थ थे।और यदि वे जहाज पर नहीं चढ़ पाते, तो उन्हें यह ज्ञात भी नहीं था कि वे वापस घर पहुंच भी पाएंगे या नहीं। विल्मोर ने बीबीसी न्यूज़ को बताया, “डॉकिंग बहुत ज़रूरी थी,” दो महीने पहले वे और सुश्री विलियम्स पृथ्वी पर सफलतापूर्वक वापस लौटे थे। “अगर हम डॉक नहीं कर पाए, तो क्या हम वापस आ पाएंगे? हमें नहीं पता था।”
मानसिक और शारीरिक चुनौतियाँ:
लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी में रहने से अंतरिक्ष यात्रियों को मांसपेशियों की कमजोरी, संतुलन की समस्या और थकान जैसी शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।ठीक ऐसा ही सुश्री विलियम्स और विल्मोर के साथ हुआ। उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर लौटने के बाद बिस्तर से उठना भी कठिन था। इसके अलावा, अनिश्चितता और पृथ्वी से दूर रहने के कारण मानसिक तनाव भी बढ़ा।
हर दिन स्क्वाड और डेडलिफ्टिंग:
अंतरिक्ष यात्रियों का हौसला इतना बुलंद था कि कई चुनौतियों के बाद भी जीने की उम्मीद उन्होंने नहीं छोड़ी। विल्मोर ने बताया कि “ज़ीरो ग्रैविटी में दैनिक व्यायाम करने का मतलब है कि शरीर स्क्वाट और डेडलिफ्टिंग से उभरने में ज्यादा समय नहीं लगता है।”उन्होंने कहा, इन 9 महीनों में लगभग हर दिन वे स्क्वाड और डेड लिफ्टिंग की प्रैक्टिस किया करते थे। उनका मानना है कि वे “अपने जीवन में पहले से कहीं अधिक मजबूत होकर” धरती पर लौटे हैं।

सुनीता विलियम्स ने उनकी बात पर सहमति जताते हुए कहा उन्होंने पृथ्वी पर वापस आने के बाद कई दिनों तक दौड़ लगाई थी और एक बार उन्होंने अंतरिक्ष में ट्रेडमिल पर बंधी हुई पूरी मैराथन की दौड़ भी लगाई थी-लेकिन उन्होंने कहा कि दुनिया के भार के साथ सामंजस्य बिठाना हमेशा आसान नहीं होता। उनका मानना है कि “सिर और पीठ पर गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव पड़ना और इस तरह की अन्य चीजें थोड़ी पीड़ादायक होती हैं।”
राजनैतिक मुद्दा भी बना:
अंतरिक्ष यात्रियों के उड़ान आसान नहीं थे लेकिन राजनीति कहीं ना कहीं से अवसर के रास्ते तलाश कर ही लेती है, इसलिए यह मामला राजनीतिक विवाद में भी फंस गई, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पूर्ववर्ती जो बाइडन को अंतरिक्ष में उन्हें अकेला छोड़ देने के लिए दोषी ठहराया। लेकिन अंतरिक्ष यात्रियों ने इस बात को नज़रअंदाज़ करते हुए कहा उन्हें ऐसा नहीं लगा कि उन्हें छोड़ दिया गया है।
अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी:
श्री विल्मोर ने कहा, “हमें पूरी उम्मीद है कि भविष्य में बोइंग स्टारलाइनर उड़ाने के अवसर मिलेंगे।”दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने कहा कि तकनीकी समस्याएं सुलझ जाने के बाद वे व्यक्तिगत रूप से पुनः यान में उड़ान भरेंगे। सुश्री विलियम्स ने कहा, “यह एक बहुत ही सक्षम अंतरिक्ष यान है। इसमें अन्य अंतरिक्ष यानों की तुलना में अद्वितीय क्षमताएं हैं जो भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए उड़ान भरने के लिए वास्तव में बहुत बढ़िया हैं।”

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