जानें-मानें अभिनेता ‘मनोज कुमार’ का निधन !

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हिमालय की गोंद में, उपकार,पत्थर के सनम और पूरब से पश्चिम जैसे बेहतरीन फिल्मों के महानायक जिसे हम ‘भारत कुमार’ के नाम से भी जानते हैं आज 4 अप्रैल को कोकीलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। मनोज कुमार भारतीय सिनेमा के जाने-माने अभिनेता,फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक थें।

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मनोज कुमार का जन्म ब्रिटिश भारत के उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत के शहर एबटाबाद में एक पंजाबी हिन्दू ब्राम्हण परिवार में हुआ था। आज हम जिन्हें मनोज कुमार के नाम से जानते हैं, असल में उनका नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था जब वे 10 वर्ष के थे तब विभाजन के दौरान वे और उनका परिवार जन्डीयाला शेर खान से दिल्ली आ गये बचपन से उनका शौक पर्दे पर आना था। अभिनेता दिलीप कुमार और अशोक कुमार के बचपन से दीवाने थे इसलिए शबनम फिल्म मे दिलीप कुमार के चरित्र किरदार का नाम मनोज कुमार से प्रभावित होकर अपना नाम बदलकर मनोज कुमार रख लिया तब से हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी, मनोज कुमार के नाम से जाने लगे।

Manoj Kumar & Mala Sinha
Manoj Kumar & Mala Sinha
  • करियर पर एक नजर

फैशन (1957) फिल्म से मनोज कुमार ने फ़िल्मी सफरनामें की शुरुआत की। फिर सहारा(1958 ), चाँद(1959) हनीमून(1960) जैसी फिल्मों मे काम किया। लेकिन ये फिल्में कुछ खास रंग नहीं लायीं। फिर उन्होंने कांच की गुड़िया मे जो की 1961 मे मुख्य भूमिका में आयें। उनकी सबसे सुपरहिट फिल्म 1964 मे राज खोलसा के निर्देशन मे थ्रिलर फिल्म वो कौन थी आयी। जिस फिल्म की पटकथा दमदार और मदन मोहन के द्वारा रचित मधुर गीतों जैसे “लग जा गले “ और “नैना बरसे रिमझिम “ गानों ने और कुमार के अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत लिया। फिर इसके बाद बैक टू बैक एक से एक सुपरहिट फिल्मों जैसे पत्थर के सनम ,गुमनाम, उपकार, नीलकमल, पूरब और पश्चिम का सिलसिला जारी रहा। फिल्म उपकार,शहीद और पूरब से पश्चिम के अभिनय ने मनोज कुमार को आम सितारे से अलग पहचान दी। उन्हें अब लोग देशभक्ति और राष्ट्र प्रेमी के अभिनय का हीरो मानने लगे जिससे उनके चाहने वाले उनको भारत कुमार के नाम से पहचान दी।

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Manoj Kumar Purab aur Paschim

सम्मान और पुरस्कार …

सन्न 1992 में मनोज कुमार को नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया। फिल्म उपकार के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म और बेईमान में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और 1999 में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2008 मे इन्हें स्टार स्क्रीन लाइफटाइम अचीवमेन्ट अवॉर्ड और अन्यत्र कई पुरस्कार और सम्मान प्रदान किए गये।

मनोज कुमार बहुत ही बेहतरीन और संजीदा कलाकार थें उन्होंने अपने अभिनय के बलबूते पर आजादी के बाद देश मे अपने अलग-अलग किरदारों के देश की अवाम का मनोबल बढ़ाया और देशभक्ति व देश की सभ्यता को अपनाने के चलन को लोगों तक पहुंचाया। आशा करते हैं कि आने वाली पीढ़ी उनके अभिनय से बहुत कुछ सीखेगी। आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा कमेन्ट बॉक्स मे अपनी राय साझा करें। धन्यवाद !!

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