भारत के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने आज Instagram पोस्ट के माध्यम से टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा कर दी। जिससे उनके 14 साल से शानदार करियर का महत्वपूर्ण सफर आज पूरा हो गया। उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में 9,230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक के साथ कई यादगार पारियाँ शामिल हैं। उनका औसत 46.85 रहा। कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और 2014 से 2022 तक भारत की कप्तानी संभाली। उनके नेतृत्व में भारत ने 68 टेस्ट में से 40 में जीत हासिल की, जो किसी भी भारतीय कप्तान के लिए सर्वोच्च है।
विराट के द्वारा यह निर्णय पिछले सप्ताह रोहित शर्मा के शानदार करियर को विराम देने के आश्चर्यजनक फैसले के बाद लिया गया। आइए विराट कोहली के टेस्ट मैच करीयर पर एक नज़र देखते हैं-

विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट का सफ़र:
- शुरुआत और नेतृत्व: कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और 2014 से 2022 तक भारत की कप्तानी संभाली। उनके नेतृत्व में भारत ने 68 टेस्ट में से 40 में जीत हासिल की, जो किसी भी भारतीय कप्तान के लिए सर्वोच्च है ।
- प्रमुख उपलब्धियाँ: उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 7 दोहरे शतक बनाए, जो एक भारतीय रिकॉर्ड है। विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 9 शतक सहित 2,232 रन बनाए, जिससे वह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के लिए एक प्रमुख चुनौती बने रहे।
- हालिया प्रदर्शन: हाल के वर्षों में उनकी फॉर्म में गिरावट आई, विशेषकर 2020 के बाद, जहां उनका औसत कम हुआ और उन्होंने पिछले 39 टेस्ट में केवल तीन शतक बनाए।
- चौथे सबसे सफ़ल बल्लेबाज: कोहली के 30 टेस्ट शतक उन्हें सचिन तेंदुलकर (51 शतक), राहुल द्रविड़ (36) और सुनील गावस्कर (34) के बाद भारत के चौथे सबसे सफल बल्लेबाज बनाते हैं। कोहली ने सात टेस्ट दोहरे शतक भी बनाए, जो किसी भारतीय द्वारा अब तक का सबसे अधिक है।
- सर्वाधिक टेस्ट शतक: कोहली के नाम किसी भारतीय कप्तान द्वारा सर्वाधिक टेस्ट शतक भी हैं, जबकि गावस्कर (11 शतक) उनके 20 शतकों से काफी पीछे हैं।

आखिर क्यों लिया सन्यास?
जब से विराट कोहली ने टेस्ट मैच से सन्यास लेने की घोषणा की है तब से उनके चाहने वालों के बीच काफी शोक का माहौल है। कुछ फैंस का मानना है कि बीसीसीआई के गलत रवैये की वजह से विराट कोहली ने रिटायरर्मन्ट लिया है। क्योंकि इसके पहले ऐसा कोई औचित्य नहीं बना था की विराट कोहली को सन्यास लेना पड़े। इसकी प्रतिक्रिया का प्रभाव Xpost और अन्य सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है।
या फिर पांच दिवसीय क्रिकेट प्रारूप में कोहली की गिरती परफ़ार्मेंस ने शायद उन्हें संन्यास लेने के लिए प्रेरित किया हो! चूंकि 2011 और 2019 के बीच अपने चरम पर 55 के करीब औसत के बाद, वह पिछले 24 महीनों में सिर्फ 32.56 का बल्लेबाजी औसत हासिल कर सके। कोहली ने अपना आखिरी टेस्ट मैच जनवरी में सिडनी में खेला था, जिसमें भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों मैच और श्रृंखला 3-1 से हार का सामना करना पड़ा था। और तो और पर्थ में पहले टेस्ट की दूसरी पारी में अद्वितीय शतक के अलावा कोहली पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में आठ पारियों में सिर्फ 90 रन ही बना सके। यही कारण हो सकता है कि विराट कोहली खुद फैसला लेते हुए नए खिलाड़ियों को मौका देने के उद्देश्य से यह बड़ा फैसला लिया हो या फिर यह बीसीसीआई के सहमति से भी हो सकता है। इस बात की पुष्टि अभी नहीं आयी है।
विराट कोहली ने अपने पोस्ट मे बड़ी भावुकता से अपने पुराने दिनों को और सबक को जीवन भर साथ रखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि “टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू जर्सी पहने हुए मुझे 14 साल हो गए हैं। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे किस सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया और मुझे ऐसे सबक सिखाए जिन्हें मैं जीवन भर अपने साथ रखूंगा।”

हम ऐसे दिग्गज बल्लेबाज की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी को याद रखेंगे। हम विराट कोहली के टेस्ट मैच की उन सभी शानदार पारियों को भी अपनी स्मृतियों से धूमिल होने नहीं देंगे। खबरेज़.इन उनके आने वाले दिनों की मंगलकामना करता है। समय-समय पर हम उनसे रिलेटेड ख़बर आपके बीच लाते रहेंगे।
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