भारत पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्द को अब रोकने के लिए भारत और पाकिस्तान शनिवार शाम 10 मई को संघर्ष विराम करने के लिए तैयार हो गए थे। इस ceasefire समझौते की पुष्टि भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री और और रक्षा मंत्री ने x पोस्ट के माध्यम से आधिकारिक पुष्टि की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 10 मई, 2025 को पोस्ट की गई X पोस्ट में भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्थता में युद्ध विराम की घोषणा की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शहबाज शरीफ जैसे उच्च-स्तरीय अधिकारियों की 48 घंटे की बातचीत के बाद, बढ़ते सैन्य तनाव के बीच जिसमें पाकिस्तानी हवाई ठिकानों और आतंकी शिविरों पर भारतीय हमले शामिल हैं।

साथ ही खबर आई है कि संघर्ष-विराम के लिए दोनों देश के नेतृत्वकर्ता किसी तटस्थ स्थान पर मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा भी करेंगे। दोनों ही देश एक दूसरे के खिलाफ़ सैन्य कार्यवाही रोकने के लिए तैयार हुए।
Ceasefire समझौते के बाद भी हमला !
सीज़फायर लागू होने के कुछ ही घंटों बाद, कश्मीर क्षेत्र में भारी गोलाबारी और विस्फोटों की खबरें सामने आईं। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है । जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्लाह ने xपोस्ट किया कि “ceasefire का क्या हुआ। श्री नगर में चारों तरफ धमाकों की आवाजें सुनाई दे रही हैं।” उधर गुजरात के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने बयान दिया कि कच्छ में कई सारे पाकिस्तानी ड्रोन देखे गयें हैं। इसके उपरांत भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कल करीब 11 बजे रात को स्पेशल ब्रीफिंग के दौरान जायजा लिया। और पुष्टि कि “पाकिस्तान की तरफ से ceasefire समझौते का घोर उलंघन हो रहा है।” भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई 2025 को अमेरिका की मध्यस्थता से हुए ताज़ा युद्धविराम (सीज़फायर) के बावजूद, हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।

पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है और भारत पर आक्रामकता का आरोप लगाया है, साथ ही यह भी कहा है कि वह शांति के लिए प्रतिबद्ध है । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए वहाँ की सेना नौसेना व सशस्त्र बलों की सेना के अधिकारियों को संबोधित करते हुए बधाई दी और बोला कि “यह पाकिस्तान कि ऐतिहासिक जीत है।”
भारत-पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक संघर्ष, जैसे कि पुलवामा में आतंकी हमले के बाद 2019 में बालाकोट हवाई हमला, अल्पकालिक युद्ध विराम का एक पैटर्न दिखाता है, स्टिमसन सेंटर द्वारा 2021 में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि 2003 के बाद से ऐसे 80% समझौते सीमा पार आतंकवाद के कारण एक साल के भीतर विफल हो गए। कई बार पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को घुसपैठ करवाने के लिए गोलाबारी की जाती है। भारत इसका जवाब देता है, लेकिन इस विकृति के कारण दोनों देश के नागरिकों की जान को खतरा रहता है। हम आशा करते हैं कि पाकिस्तान के द्वारा गैरजिम्मेराना हरकत को छोड़कर इस समझौते पर अमल करेगी।
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