वक्फ संशोधन बिल आज यानि 2 अप्रैल 2025 को लोकसभा मे पेश होने वाला है जिसको अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में बिल पेश किया। जिसके विरोध मे विपक्ष पार्टी के लोग अपने अपने अंदाज मे विरोध प्रदर्शित किया। केंद्र मे बैठी भाजपा सरकार के अगुआई मे संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुवे बताया कि पूर्ववर्ती UPA सरकार ने वक्फ कानून में बदलावों के जरिए इसे अन्य सभी कानूनों से ऊपर कर दिया था, इसलिए इस इस अधिनियम मे नये संशोधनों की जरूरत पड़ी और UPA सरकार ने तमिलनाडु जैसे मुद्दों पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की, जो वक्फ विधेयक का हिस्सा नहीं हैं।

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसदीय बैठक मे यह कहा कि सरकार वक्फ के धार्मिक मामलों मे कोई दखल देना नहीं चाहती, सरकार वक्फ बोर्ड के लाखों करोड़ों संपत्तियों और उनके वार्षिकी आय को पारदर्शी बनाने का प्रयास कर रही है। विपक्ष मे बैठे कॉंग्रेस,सपा,टी एम सी,डी एम के जैसी अन्य पार्टियां पुरजोर विरोध कर रहीं हैं। लोकसभा सदस्य व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश का कहना है कि यह विधेयक सरकार सुधारों के लिए नहीं लाई है बल्कि शासन की कमियों और अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए लाई है!

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असअद मदनी ने कहा कि संसद में पेश किया गया वक्फ से संबंधित यह बिल असंवैधानिक है और मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है। इमरान प्रतापगढ़ी ने संसद शुरू होने के पूर्व ब्लैक पोस्टर पर REJECT WAQF BILL का पोस्टर लेकर संसद के बाहर वक्फ विधेयक का विरोध जताया।

क्या है वक्फ बोर्ड ?
भारतीय रेल्वे और आर्म फोर्स के बाद वक्फ बोर्ड LAND OWNEWSHIP मे भारत मे तीसरे स्थान पर आता है। वक्फ बोर्ड एक ऐसी संस्था है जो कि इस्लामिक निकायों के लिए काम करता है। यह एक पुरानी संस्था है जो बहुत पहले से काम करती चली आ रही है । लेकिन भारत मे इसे 1913 मे MUSLIM WAQF VALIDATING ACT बना और 1923 मे MUSLIM WAQF ACT और आजादी के बाद 1954 मे CENTRAL WAQF ACT बना। जिसे बदलकर नया ऐक्ट WAQF ACT 1995 बना। आज के समय मे वक्फ बोर्ड के पास 32 संस्थाएं है जो की हर राज्य के हिसाब से विभाजित हैं। भारत मे वक्फ बोर्ड के अधीन 9.5 लाख एकड़ जमीन आती है जि नमे कब्रिस्तान,मस्जिद,दुकानें और खेतिहर भूमि आती है जो कि इसे भारत मे LAND OWNERSHIP मे तीसरे स्थान पर लाती है।

कैसे काम करती है यह वक्फ बोर्ड ?
वक्फ बोर्ड एक इस्लामिक संस्था है जो कि इस्लाम धर्म के उदय के बाद से चली आ रही है। जिसे इब्नबतूता जैसे लेखकों ने भी जिक्र किया है इसके अनुसार इस्लाम धर्म मे कोई व्यक्ति अपने पूरे जीवन का संपत्ति खुदा के नाम पर अर्पित यानि (वक़्फ) कर देता है जो की किसी धार्मिक कार्यस्थलों,धार्मिक कार्यों या जनसमुदायों मे प्रयोग किया जाए। वक्फ़ शब्द अरबी भाषा के ‘वकुफ़ा’ शब्द से बना है जिसका मतलब होता है ठहरना. वक्फ़ का मतलब है ट्रस्ट-जायदाद को जन-कल्याण के लिए समर्पित करना। वक्फ संस्था लोगों के द्वारा दान किए गए संपत्तियों को क्रियान्वित करती है और इस संपत्ति से जो वार्षिकी आय होती है उसे धार्मिक उद्देश्यों मे लगाने और एक वैधानिक निगमित निकाय के रूप मे कार्य करती है। समय के साथ-साथ बोर्ड के मुतालवी(प्रबंधकों) पर यह आरोप भी लगता है कि वे भ्रष्ट हो गए हैं और बोर्ड की संपत्ति को व्यक्तिगत लाभ के लिए भी प्रयोग करते हैं।
2006 मे सचर रिपोर्ट आया जिसमें भारतीय मुस्लिम समाज पर उनके सामाजिक आर्थिक और साक्षरता दर पर विश्लेषण किया गया। इस रिपोर्ट मे सबसे चौकाने वाला ख़बर यह आया कि अगर हम वक्फ की पूरी संपत्ति को ठीक से उपयोग मे लाएं तो वक्फ की कुल संभावित आय 12000 करोड़ के आसपास होगी जबकि उस समय वक्फ की कुल आय 163 करोड़ थी। सचर रिपोर्ट ने ऐसा होने का कारण मुतालवियों के भ्रष्ट होने और वक्फ संपत्ति का व्यक्तिगत प्रयोग व भूमिगत खेतों को किराये पर देने की बात कही।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024
8 अगस्त 2024 को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, वक्फ़ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने का प्रस्ताव है. यह लोकसभा में बीजेपी सरकार के अगुआई मे पेश किया गया था. इस विधेयक का मकसद, वक्फ़ प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना था। इस विधेयक मे निम्न बातें थी…
- क्फ़ घोषित करने के लिए, कम से कम पांच सालों से इस्लाम का पालन करना ज़रूरी होगा.
- वक्फ़ संपत्तियों का सर्वेक्षण करने का काम कलेक्टर करेंगे.
- वक्फ़ संपत्तियों का पंजीकरण ज़िला मजिस्ट्रेट के दफ़्तर में कराना होगा.
- वक्फ़ संपत्तियों की जांच और राजस्व की जानकारी जिला मजिस्ट्रेट ले सकेंगे.
- वक्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक सुव्यवस्थित फ़्रेमवर्क तैयार किया जाएगा.
- वक्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी.
- वक्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन में गैर-मुस्लिमों, महिलाओं, और अन्य समुदायों को शामिल किया जाएगा.
2024 के संशोधन के मद्देनजर फिर से भाजपा सरकार ने 2 अप्रैल 2025 को विधानसभा मे पारित करने हेतु लाई है। जबकि विपक्ष वक्फ विधेयक का पुरजोर विरोध कर रही है। आपका इस विधेयक के बारे मे क्या राय है हमें कमेन्ट करें और आगे की खबर के लिए हमारे साथ जुड़े रहें !
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